26th January shayari in hindi

 26th January shayari in hindi - गणतंत्र दिवस पर शायरी- republic day shayari 

26th January shayari in hindi

इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है,

झूम उठो देशवासियो गणतंत्र दिवस फिर आया है।


दाग गुलामी का धोया है जान लुटा कर,

दीप जलाये है कितने दीप बूझा कर,

मिली है जब यह आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को,

रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर।


तीन रंग का है तिरंगा,

ये ही मेरी पहचान है,

शान देश की, आन देश की,

हम तो इसकी ही सन्तान हैं।


जमाने भर में मिलते है आशिक कई,

मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता।


बता दो आज इन हवाओं को,

जला कर रखो इन चिरागों को,

लहू देकर जो ली आजादी,

टूटने ना देना ऐसे प्रेम के धागों को।


कुछ नशा तिरंगे की आन का है,

कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,

हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,

नशा ये हिंदुस्तान के सम्मान का है।


कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में,

भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में।


काँटों में भूल खिलाएं,

इस धरती को स्वर्ग बनायें,

आओ सबको गले लगायें

हम गणतंत्र का पर्व मनाएं।


नफरत करना है बुरी बात,

देश की उन्नति के लिए चाहिए सब का साथ,

न करो तेरा-मेरा ये देश तो है हम सब का।


मै भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ,

यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,

मुझे चिंता नही है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,

तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।


आन देश की शान देश की,

देश की हम संतान है,

तीन रंगों से रंगा तिरंगा,

अपनी ये पहचान हैं।


आजादी का जोश कभी कम न होने देंगे,

जब भी जरुरत पड़ेगी देश के लिए जान लूटा देंगे,

क्योंकि भारत हमारा देश है,

अब दोबारा इस पर कोई आंच न आने देंगे।


ना सरकार मेरी है,

ना रौब मेरा है,

ना बड़ा सा नाम मेरा है,

मुझे तो एक छोटी सी बात का गर्व है,

मैं “हिन्दुस्तान” का हूँ और “हिन्दुस्तान” मेरा है।


वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की,

तोड़ता है दीवार नफरत की,

खुशनसीबी हमारी जो मिली जिंदगी इस चमन में,

भुला न सकेंगे इसकी खुशबु सातों जन्म में।


भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान,

दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान,

सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का,

इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास।


चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें,

शहीदों के दिलो में थी जो वो ज्वाला याद कर लें,

जिसमें बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे,

देशभक्ति के खून की वो धारा याद कर लें।


दिल एक है जान एक है हमारी,

हिंदुस्तान हमारा है ये शान है हमारी।


नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,

ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,

जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,

खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,

हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,

इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के।


मैं तो सोया था गहरी नींद में,

सरहद पर था जवान जगा रात सारी,

ये सोच कर नींद मेरी उड़ गयी,

जवान कर रहा रक्षा हमारी।


देशभक्तों से ही देश की शान है,

देशभक्तों से ही देश का मान है,

हम उस देश के फूल हैं यारों,

जिस देश का नाम हिंदुस्तान है


अलग है भाषा,

धर्म जात और प्रांत,

पर हम सब का एक है,

गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ।


तिरंगा हमारा है शान-ए-जिंदगी,

वतन परस्ती है वफ़ा-ए-जिंदगी,

देश के लिए मर मिटना कबूल है हमें,

अखण्ड भारत के स्वप्न का जूनून है हमें।


नफरत बुरी है ना पालो इसे,

दिलों में खलिश है निकालो इसे,

न तेरा, न मेरा, न इसका न उसका,

ये सबका वतन है संभालो इसे।


चढ़ गये जो हंसकर सूली,

खाई जिन्होंने सीने पर गोली,

हम उनको प्रणाम करते हैं,

जो मिट गए देश के लिए,

हम उनको सलाम करते हैं।


तिरंगा लहरायेंगे,

भक्ति गीत गुनगुनाएंगे,

वादा करो इस देश को,

दुनिया का सबसे प्यारा देश बनायेंगे।


ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,

ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,

पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,

कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।


भारत के गणतंत्र का,

सारे जग में मान है,

दशकों से खिल रही,

उसकी अदभुत शान हैं।


तैरना है समुद्र में तेरो,

नदी नालों में क्या रखा हैं,

प्यार करना है तो वतन से करों,

इन बेवफा लोगों में क्या रखा हैं।


बलिदानों का सपना जब सच हुआ,

देश तभी आजाद हुआ,

आज सलाम करे उन वीरों को,

जिनकी शहादत से ये भारत गणतंत्र हुआ।


ना जियो धर्म के नाम पर,

ना मरों धर्म के नाम पर,

इंसानियत ही है धर्म वतन का,

बस जियो वतन के नाम।

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