two line alfaaz shayari | टू लाइन अल्फाज शायरी
वो ख़फ़ा होकर बैठा है मुझसे दूर कहीं,
मैं भी दर-बदर-तन्हां ही फिर रहीं हूँ कहीं ।
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Khamosh Alfaaz Shayari
यहां हर रोज क़िरदार नए होते हैं,
इश्क़ वही पुराने, मगर वादे नए होते हैं ।
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ऐसा दर्द भी किस काम का,
जो ज़ख्मों को कुरेद जाए ।
आग लगे ऐसी मोहब्बत में,
ख़ुदा करे उसे भी कोई ऐसा दुख दे जाए ।
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अनकहे अल्फाज
मैं दिल टूटी दीवानी हूँ,
तुमने तो एक बार ही तोड़ा ।
मैं ज़ज्बातों की कलम से,
तेरा गुरुर बार बार तोड़ूंगी ।
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मासूमियत भी है उसके नक्श में,
धोखेबाजी भी है उस शख़्स में ।
इश्क़-ए-मोहब्बत भी उसके दिल में,
नामुराद-ए-ख़्याल भी है उसके जेहन में ।
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प्यार भरे अल्फाज
अपनी मेहनत को तू अपना मुस्तक़बिल बना के तो देख,
अल्लाह तेरी हयात में ऐ नादां..!
हर ख़्वाहिश-ए-मुक़ाम को तेरे लिए नवाज़ ही देगा ।
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अपनी हार में भी ख़ुदा तेरी जीत बुनती हूँ मैं,
अब तुझे ही हर दफ़ा अपनी मीत चुनती हूँ मैं ।
तेरी ख़ामोशी से होती है घुटन मेरी जाँ मुझे,
कि तेरी पुकार में कोई नया नज़्म सुनती हूँ मैं ।
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अल्फ़ाज़ शायरी रेख़्ता
एक नज़र देखूं उसे कि नज़र भर देखूं उसे,
हो जाऊं बस उसका कि इस क़दर देखूं उसे ।
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मैं तब भी तुम्हें सुनूंगी तुम बे-बाकी से कहना,
सुनो तुम अहले हयात बनकर भी मेरे महबूब ही रहना ।
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अल्फ़ाज़ शायरी फोटो
उतर के जेहन में एहसास कराती है,
सुनो ये मुझे मोहब्बत का आभास कराती है
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उम्मीदों पर कायम है ये दुनिया,
उसकी उम्मीद हूँ मैं !
एक भाई की बहन, एक बेटी हूँ मैं ।
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दर्द भरे अल्फाज
वजह है जो भाती नहीं दुनिया वालों को मैं,
कुछ मैं उन जैसी नहीं कुछ वो मेरे जैसे नहीं ।
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कैसे कैसे लगाव देखे हैं,
सबने मर्ज़ी के ख्वाब देखे हैं ।
बात उल्फ़त की अब नहीं होती,
हमने इश्क़ के उलटे हिसाब देखे हैं ।
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अल्फ़ाज़ कोट्स इन हिंदी
वो मिलाता ही क्यूं है बेदर्द को दर्द से,
उसकी ग़फ़लत से कितनों के दिल टूटे हैं ।
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आज का दिन क्या खास दिन है,
सभी को माँ के ऊपर प्यार उमड़ पड़ा है ।
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अधूरे अल्फ़ाज़ शायरी
एक दिन की मोहब्बत भी क्या मोहब्बत है,
जो हर दिन हर पल हर लम्हा माँ की मोहब्बत में ना रहे ।
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आज के एक दिन में तुम भला माँ पर क्या लिख पाओगे,
माँ लफ्ज़ ही पूरी क़ायनात की मोहब्बत को समेटे हुए है ।
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