खामोशी शायरी 2 लाइन | line khamosi shayari

खामोशी शायरी 2 लाइन | khamosi shayari 

खामोशी शायरी 2 लाइन | khamosi shayari

तन्हाइयों से परहेज़ कुछ यूँ भी है
की ख़ामोशी में तेरी आवाज़ सुनाई देती है !

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रात की खामोशी

मुझे खामोश देखकर तुम इतने हैरान क्यों हो?
कुछ हुआ नहीं है, सिर्फ भरोसा करके धोखा दिया है!

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हम लबों से कह न पाये उन से हाल ए दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है!

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खामोशी पर गजल

रहना चाहते थे साथ उनके पर इस ज़माने ने रहने ना दिया
कभी वक़्त की खामोशी मे ख़ामोश रहे तो
कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया !

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खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!

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बातचीत शायरी

दुनिया के लोगों ने हमारे कारनामों का शोर मचाया है
जब भी हमने कुछ किया है, मौन में किया है!

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कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसम
आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है!

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खामोशी शायरी इमेज

ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!

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ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!

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हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है
हम हर बार खामोश रह जाते है
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है!

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जमाना पूछता है इतनी खामोश क्यों हो
मैं कहता हूं खामोशी के बहाने ही
उसकी पुरानी यादों से मिल लेता हूं

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खामोशी के लफ्ज़

कुछ लोगों को अपनी बात बताने के
लिए बोलने की जरूरत नहीं होती
उनकी खामोशी ही काफी होती है।

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दस्तक और आवाज तो कानो के लिए है
जो रूह को सुनाई दे
उसे ख़ामोशी कहते है।

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खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!

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तूफान से पहले की खामोशी की तरह
मिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा!

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जिंदगी खामोशी शायरी

हम एक लंबी चुप्पी से गुजरे हैं
किसी से कुछ कहने की कोशिश !!

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खामोशी को चुना है अब बाकी के
सफर के लिए
अब अल्फाजो को जाया करना
हमे अच्छा नहीं लगता

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खामोशी पर दो लाइन शायरी

खामोश बैठे है तो लोग कहते है
उदासी अच्छी नहीं
और जरा मुस्करा लेते है
तो मुस्कराने की वजह पुछ लेते है।

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खामोशी बहुत अच्छी है
वह रिश्तो की आबरू ढक लेती है।

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जीवन शायरी 2 लाइन

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!

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हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती!

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 वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।

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बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।

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खामोशी शायरी Attitude

ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.

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अंधेरे में भी सितारे उग आते,
रात चाँदनी रहती है,
कहीं जलन है दिल में मेरे,
ये खामोशी कुछ तो कहती है…!!!

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ख़ामोशी की तह में छुपा लीजिए उलझने
क्योंकि, शोर कभी मुश्किले आसान नहीं करता

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खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं…!!!

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खामोशी ही बेहतर है

शिकायते तो बहुत है
उनसे मेरी पर क्या करूं
ये जो खामोशी है
मुझे कुछ कहने ही नहीं देती

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चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह।

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दिल की खामोशी पर मत जाओ
राख के नीचे आग दबी होती है।

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दिल की खामोशी शायरी

खामोश है ये जुबां सुनी सी है राते,
न दिल का ठिकाना है न दिल का बसेरा!!

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तेरी रूह में खामोशी है और
मेरी आवाज में तन्हाई
तू अपने अंदाज में खामोश है
मैं अपने अंदाज में तन्हा

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बड़ी नखरेबाज है खामोसियाँ तेरी,
पास बैठा हूँ पर वो टूटती ही नहीं

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