Naseeb shayari | नसीब शायरी
नसीब बनकर कोई जिंदगी में आता है,
फिर ख्वाब बनकर आँखों में समा जाता है,
यकीन दिलाता है कि वो हमारा ही है,
फिर न जाने क्यूँ वक़्त के साथ बदल जाता है…
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नसीब का खेल शायरी english
फूलो के साथ कांटे भी नसीब होते हैं,
ख़ुशी के साथ गम भी नसीब होता हैं,
यूँ तो मजबूरी ले डूबती है हर आशिक को,
वरना ख़ुशी से बेवफ़ा कौन होता है?
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जैसे जुल्फों की लट है चेहरे के करीब तेरे,
काश हम भी आज तेरे करीब होते,
तेरे फूलों से चेहरे को हरदम निहारते हम,
काश ऐसी होती हमारी किस्मत ऐसे नसीब होते…
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प्यार और नसीब शायरी
पा लिया था दुनिया कि सबसे हसीन को,
इस बात का तो हमें कभी गुरूर नहीं था,
वो पास रह पाते हमारे कुछ और दिन,
शायद ये हमारे नसीब को मंजूर नहीं था…
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नसीब का खेल शायरी Hindi
दिल अमीर था मगर मुकद्दर गरीब था,
मिलकर बिछड़ना तो हमारा नसीब था,
हम चाह कर भी कुछ कर न सके,
घर जलता रहा और समंदर करीब था…
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खुश नसीब शायरी
उन गलियों से जब गुज़रे तो मंज़र अजीब था,
दर्द था मगर वो दिल के बहुत करीब था,
जिसे हम ढूँढ़ते थे अपनी हाथों की लकीरों में,
वो किसी दूसरे की किस्मत किसी और का नसीब था…
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किस्मत की लकीर शायरी
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नहीं,
शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नहीं है,
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया,
मैंने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं है…
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अगर यकीन होता कि कहने से रुक जायेंगे,
तो हम भी हंसकर उनको पुकार लेते,
मगर नसीब को मेरे ये मंजूर नहीं था,
कि हम भी दो पल ख़ुशी के गुजार लेते…
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