mirza ghalib sad shayari | मिर्जा गालिब सेड शायरी
“डाल रखा है मेरी मोहब्बत ने फ़रिश्तों को कश्मकश में,
कभी मांगा शिद्दत से तुझे...कभी भूलने की दुआ मांगी।”
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एक बार कह कर तो देखा होता कि तुम किसी और की हो,
भगवान की कसम तेरी परछाई से भी दूर रहते।
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Mirza Ghalib Sad Shayari
चाँद का किरदार अपनाया करो एै दोस्तों
दाग़ अपने पास रक्खो रौशनी को बांट दो
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हर हसरत तमाम कर के,
मैंने इश्क़ भी अधूरा छोड़ दिया।💔
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Heart Touching Mirza Ghalib shayari
यूँ तो इज़हार के सैकड़ों तरीक़े थे मगर,
वो चुना हमने जिसमे तुमको भूल जाना था।
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सवाल गहरा था और इलज़ाम संगीन,
पर वो भी उनकी मुस्कराहटों में कहीं खो गया।
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मिर्जा गालिब दर्द शायरी
तेरी हाँ का भी मुंतज़िर नही हूँ मैं,
अब इतनी बेफ़िक्र मोहब्बत है मेरी।
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मै फिर कभी मुड़ के नहीं देखूंगा ।
तेरी दुनियां की तरफ ''
तू बस एक बार मुझे निजात दिला दे।।
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“मुझे वहाँ से भी पढ़िए,
जहां से मैं ख़ामोश हूँ ।”
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Mirza Ghalib Shayari On Love
तुमने उतना जाना जितनी उसके पास समझ थी ।
मैं मेरे बाद भी बहुत कुछ हूं ।
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इश्क में सुलगते दिल से ना पूछ रात कैसे गुजरी...
शमां पिघल गयी सुबह होते होते ...
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Mirza Ghalib Shayari On Life
कुछ बातें मरने के बाद बताएंगे तुम्हें
दुआ करो कि,, इक मुलाकात वहां तो हो __।।
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सबक है ज़िन्दगी का जनाब_
जिसे आप मोहब्बत समझ रहे हो_
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सुनो
ना तो तुझसे मोहब्बत और ना ही नफरत है फिर क्यों
अजब शिकवा-सा-रहता है-मुझे तुझसे...??
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मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन उर्दू
मेरे चेहरे की मुस्कान मिटाने के लिए ,,
उसने अपना ज़मीर तक बेच दिया ..।।
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मेरे बाद कौन रखेगा फूल तेरे दहलीज़ पर
कौन उतारेगा मेरे बाद तेरे आँखों के सदक़े
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चराग़ बन के जली थी मैं जिस की महफ़िल में...
उसे रुला तो गया कम से कम धुआँ मेरा...
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कहीं तो लिखता होगा.. वो दिल की छुपी बाते
कहीं तो किसी पन्ने पर... मेरा भी नाम होगा..!!
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ग़ालिब की शायरी हिंदी में Motivation
हमने ओढ़े हैं कुछ खुशनुमा से ख्वाब
खुदा हमारे उन ख्वाबों की ताबीर दराज़ करे
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शिद्दत-ए-दर्द से शर्मिंदा नहीं मेरी वफा “सादिक़”,
दोस्त गहरे हैं तो फिर जख्म भी गहरे होंगे....!!!
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हमने ऐसी भी क्या खता करदी जो काबिल-ए-माफी नही!
तुमको देखा नही है कई दिन से क्या ये सजा काफी नही!!
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लोग तुझे मसीहा कहते थे पर यंहा तो,
एक शख्स मर गया तुझे देख कर..!!
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ग़ालिब जुदाई शायरी
"हम फकीरों से क्या पूछते हो दास्तां मोहब्बत की"
"हम तो बेवफाओं को भी जीने की दुआ देते हैं"
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"बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था"
"बेशक़ ख्वाब ही था मगर हसीन कितना था"
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ग़ालिब की शायरी हिंदी में Rekhta
हर मख़मली सुबह
वो मिलते हैं मुझसे, हाथों में चाय की प्याली लिए
कमबख़्त मुश्किल है इतनी
कि हम जाग जाते है, ख़्वाब पूरा होने से पहले !
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गिला भी तुझसे क्या करूँ, क्या करूँ शिकायत
यकरंग सा हैं दिलबर मेरा हो जैसे कोई आयत
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Mirza Ghalib Shayari In Hindi
कभी-कभी मेरे ख़ामोश लफ़्ज़ भी समझा करो,
ज़ज्बात कागज़ों पर लिखे जाएँ,जरुरी तो नहीं ।।
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माना मै कुछ ख़ास नही 😏
लेकिन मेरे जैसी किसी में बात नही 🤞🏻
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घायल करने के लिए लोग हथियार चलाते हैं,
मेरी तो स्माइल ही काफी है.
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मिर्ज़ा ग़ालिब लव स्टोरी
बंद पिंजरों में परिंदों को देखा कभी..?
ऐसे सिसकते हैं मोहब्बत के मुजरिम अक्सर !!
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अहमियत ,,, दिल्लगी को मिलती रही
हम खवामख्वाह ,, जज़्बात लिए फिरते रहे ।।
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Mirza Ghalib Best Shayari
कुछ सवालों के जवाब दिए नही जाते
ये वो सवाल हैं जो सबसे किए नहीं जाते.!!!
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जाने न तू मेरे इरादे सारे गम चुरा ले जाऊँगी
उनको कुछ खुशियां देने की खातिर
गुनाहगार बन जाऊँगी..!!!
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Mirza Ghalib Love Shayari in Hindi 2 Lines
वो जो मन्नत मांगते थे बेटे की ,
उन्हें बुढ़ापे में बेटी ने संभाला ..!!
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बड़े गुरुर से संभाल रखे हैं सब ज़ख़्म तेरी याद के
कुछ टुकड़े दौर-ए-वफ़ा के हैं कुछ बेवफाई के बाद के
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मौसमों का कोई मुहर्रम हो तो उस से पूछो
कितने पत-झड़ अभी बाकी है बहार आने में
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मिर्जा गालिब के दोहे
सरे शाम उतरता है कोई दिल की दहलीज़ पर..!!
हम से पहरे किसी की याद पे लगाए नहीं जाते..!!
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मैनें रखी है फक़त दिल की तसल्ली के लिए
क्या कोई जुर्म है तस्वीर तुम्हारी रखना ?
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तूने देखा है कभी रेगिस्तान में झुलसे हुए दरख़्त ?
देख ... ऐसे जलते हैं वफाओं को निभाने वाले ,
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मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल
मुझे लगा दो चार ही होंगे मेरी तरह मगर,
यहां तो काफ़िला है इश्क़ में बरबाद लोगो का..!!
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यूं तो अंबार लगा है हथेलियों पर,
काम की मगर कोई लकीर नही इनमे..!!
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क्या पाया मैंने सदियों की मोहब्बत से,
एक शायरी का हुनर दूसरा जागने की सज़ा..!!
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