breakup shayari in hindi text | ब्रेकअप शायरी इन हिंदी
तुम्हारें आग़ोश पर सर रख कर सोना है मुझे
मोहब्बतों में तुम्हारें साथ खोना है मुझे
कैसे हो तुम तुम्हें फुरसत नहीं काम से
तुम्हारी रग रग में मेरा प्यार बोना है मुझे
तमाम ख्वाब हैं खामोश मेरे जहन में
तुझसे लिपट कर बड़ी जोर से रोना है मुझे
इश्क़ मयस्सर है हमें मगर साथ रहना नहीं
कब तलक आखिर ये इंतजार ढोना है मुझे
तुम्हारें सब्र ओ इंतहा से उकता गईं हूँ मैं
अब बस जल्दी से तेरा होना है मुझे
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ब्रेकअप शायरी 2 line
तुम पूछते हो ना आखिर चाहती क्या हुँ मैं
कभी कभी सोचती हूं बता ही दूँ क्या चाहती हूं मैं...
सच बताऊ? मैं ना तुम्हारे गले लगकर रोना चाहती हूं...
रोना इतना कि तुम घबरा जाओ
समझ ही ना पाओ मेरी बेहिसाब हिचकियाँ.....
मैं चाहती हुँ रोना इतना कि प्रलय ही आ जाए
जिसमे सब ख़तम हो जाये मैं और मेरे जैसे सब....
मैं चाहती हुँ रोना इतना कि
फिर कभी धरती ना तड़पे प्यास से....
मैं चाहती हुँ रोना इतना की मेरा हर आंसू
सीने से होकर तुम्हारे दिल में रिस जाए
तब शायद तुम समझ पाओगे मेरी पीड़ा अंतहीन पीड़ा......
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याद आती है अब भी तुम्हारी...
कितनी, किस बात पर, किस लिए नही जानती...
पर अब भी फोन स्क्रीन पर तुम्हारे नंबर के फ्लैश होने का इंतजार होता है...तुम्हारी आवाज बार बार सुनने की तलब जगती है...
तुम्हारे आखिरी बार की कॉल को कॉल हिस्ट्री में जाकर देखती हूं तो लगता है जैसे सदियां बीत गई है...जैसे मैं थम सी गई हूं...
बहुत कम वक्त में ही चले गए तुम मुझे छोड़ कर हमारा साथ उंगलियों पर गिन भी नही पाई...
कहते है किसी चीज की आदत होने के लिए 21 दिन लगते है जरूर तुमने मुझे 21 दिन से ज्यादा चाहा होगा तभी तुम्हारी आदत नहीं छूट रही ...!!!
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ब्रेकअप शायरी इन हिंदी इमेजेज
दिल चाहता है आज तेरे नाम, एक इल्ज़ाम लिख दूँ
तेरी बदमाशियों की चर्चे, सर-ए-आम लिख दूँ
फिर अगर हो भी तू खफा, तो भी मैं परवाह ना करू
तेरी हर एक शरारत का, आज बयां लिख दूँ
लिखूं कुछ ऐसे, की तू सब समझ जाए
कोई और समझ ना सके, ऐसा नाम लिख दूँ
अगर इस दिल की सुनूँ , तो न जाने क्या क्या लिख दूँ
दरिया को दश्त, सुबह को शाम लिख दूँ
ख्वाहिश है, की तेरी मोहब्बत और दिल-नवाज़ी के बदले
ये दिल और ये जां, मैं तेरे नाम लिख दूँ
शर्म-ओ-हया ने हाथ मेरे रोकें हैं
की कही दीवानगी में तुझको ही, ना खुदा लिख दूँ
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जब हम रो नही पाते सुख से सो नही पाते
जब हम खो नही पाते तब बचपन याद आता है
जब चिंता सताती है हमारे तन को खाती है
जब भी मन नही मिलता तब बचपन याद आता है
जब हम टूट जाते है जब अपने रूठ जाते है
जब सपने सताते है तब बचपन याद आता है
बच्चे हम रह नही पाते बड़े हम हो नही पाते
खड़े भी रह नही पाते तब बचपन याद आता है
किसी को सह नही पाते अकेले रह नही पाते
किसी को कह नही पाते तब बचपन याद आता है
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ब्रेकअप शायरी Boy
क्यूँ छोड़ दिए जाते हैं वो....
जो तुम्हें तुम्हारी हर गलती के साथ स्वीकार करते हैं
जो बिना गलती के छोड़ गए वो याद रह जाते हैं,,,
क्यूँ छोड़ दिए जाते हैं वो...
जो हज़ार नज़रंदाज़ी के बाद भी हाथ बढ़ाते रहे,,
जो नज़रंदाज़ कर गए वो याद रह जाते हैं,,,,
क्यूँ छोड़ दिए जाते हैं वो....
जो बहुत प्रेम के बदले बस थोड़ा सा प्रेम चाहें..
जो स्वार्थ से प्रेम का व्यापार करते, वो याद रह जाते हैं
क्यूँ छोड़ दिए जाते हैं वो...
जो बरसों से प्यार करते आ रहे हैं
जो कल से दोस्त बने वो याद रह जाते हैं...
क्यूँ छोड़ दिए जाते....
जो सच बोलने पर मुज़रिम बना दिए जाते हैं
झूठ बोलने वाले याद रह जाते हैं...
क्यूँ,,,,!!!!!
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सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं
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ब्रेकअप शायरी हिंदी में लिखा हुआ
तेरी रूह का सुकून हूँ तेरे जर्रे जर्रे का जुनून हूँ,,,
तेरी रातों का सुरूर हूँ तेरी नजरों का मैं नूर हूँ,,,,
ये सिलसिला कुछ यूँ चलता रहें ऐ मेहबूब मेरे,,,
उतर जाऊँ आँखों में आ देखें जरा ख़्वाब हसी,,,,
क्यो करे शिकवा किसी से
और क्या करे शिकायत
इंसान अपनी मर्जी से उदास होता है
अपनी गलतियो पर रोता है
कुसूरवार कैसे ठहरा दे किसी को
भरोसा खुद की वजह से टूटता है
और खुद की वजह से पछतावा होता है
कैसे कह दे धोखेबाज किसी को
वफा की उम्मीद खुद करता है
और खुद ही टूट कर बिखरता है
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हर बार वक़्त और तुम्हारे नखरों के बीच दो पाटों समान पिसती रही
सिर्फ इसलिए कि मुझे निभाना था तुमसे
किन्तु ज़रा झोंका क्या लगा तुमने पल्ला झाड़ लिया
ऐसे मुँह फेरा जैसे किसी उपयोग के बाद किसी वस्तु को फेंक दिया जाता है।
मैं मूर्ख ही थी जो समझ न पाईं कि
तुम्हारा अनुभव मेरे साथ भी होगा।
💔
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छोड़ना शायरी इन हिंदी
बस शर्त ये है, तुम साथ चलो,
कितना, ये कभी तय कर लेंगे !
मैं शर्त कोई फिर से रख दूँ,
कहना, कि कभी तय कर लेंगे !
लम्हें है मिलन के, प्यार करो,
झगड़ों को कभी तय कर लेंगे !
फ़िलहाल रिवाजों को तोड़ो,
रस्मों को कभी तय कर लेंगे !
चल दिल से ख़ुदा को हम देखें,
मज़हब को कभी तय कर लेंगे !
'अल्फ़ाज़' ज़रा वो हाँ कह दें,
हम रब को कभी तय कर लेंगे !
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जख्मी ब्रेकअप शायरी हिंदी
जानते है कि....., तुम नहीं के नसीब में,
फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है !
जब तुम नज़र नहीं आते,
मुझे कुछ नज़र नही आता…
मुझे मालूम है ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं,
फ़िर भी हसरत रहती है कि तुम याद करोगे…
मलहम नही तो हमारे जख्मो पर नमक ही लगा दे.
हम तो तेरे छूने से ही ठीक हो जायेंगे…
उम्र कितनी मंजिले तय कर चुकी..!!
दिल बेचारा वही का वही रह गया..!!
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ब्रेकअप शायरी Attitude
उसकी एक और ख़ास बात थी,
जब भी गले से लगाता था, तो ऐसे लगाता था
कि रूह तक की गहराई को महसूस होता था;
ऐसे, कि मानो खुद में समा लेना चाहता हो।
ऐसे, कि लगता था जैसे इससे महफूज़ और दिलकश
दुनियाँ में कोई और पनाह नहीं हो सकती।
इतना कस के, कि कई बार साँस ही अटक जाती थी मेरी;
ऐसे, कि जैसे आख़री बार गले लगा रहा हो..!
तभी, जिस बार आख़िरी बार था,
एहसास ही नहीं हुआ
कि ये आख़िरी ही है..
और साँस.. तबसे वहीं कहीं अटकी रह गयी है.!!
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ब्रेकअप शायरी Download
कफ़स ए मोहब्बत में पनाह मिल जाए,
तुम तक जाती हुई कोई राह मिल जाए,,!!
कोरे काग़ज़ पे दस्तखत करके बैठे हैं,
सज़ा मिल चुकी अब, गुनाह मिल जाए,!!
दिल की तलाशी से इसलिए खौफ़ज़दा हूँ,
न जाने किस कोने में दबी आह मिल जाए..!!
ढूँढ दिलों के मलबों में शिद्दत से,,,
तुझे भी कोई तुझसा तबाह मिल जाए...!!!
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ब्रेकअप शायरी फोटो girl
कुछ प्रेम कहानियाँ अमर होती है...
उन कहानियों मे किरदारों के नाम नही होते....
पाना और खोना वहाँ मुद्दा नही होता.....
इज़हार और इंकार का भी मसला नही होता....
होती है तो बस..... रूह से रूह की मोहब्बत....
धड़कनों का धड़कनों से ‘इश्क़’ ख़ालिस ‘इश्क़’.....
तुम और मैं यूँ हीं याद रखे जाएँगे .. ता’उम्र......
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ब्रेकअप शायरी 2 line english
मेरे तुम्हारे बीच कुछ नहीं सिर्फ एहसास ,
कुछ संवाद कुछ आधी , अधूरी बातें
और कहने को कुछ नहीं सिर्फ फिक्र,
एक दूजे की और कुछ नहीं..
न कभी तुमने कुछ कहा न मैंने कुछ सुना..
फिर भी वो एहसास बिन कहे
सुन लेने का..महज कहने की बात है
एक दूजे के साथ लिए दूर होकर भी इतने करीब होना..
मीठा सा एहसास छू जाता है दिल को,
यही बंधन मुझे मुक्त नहीं कर पाया तुझसे...
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