दर्द छुपाना शायरी 2 line | dard shayri

0

दर्द छुपाना शायरी 2 line | dard shayri 





दर्द छुपाना शायरी 2 line | dard shayri

रुला कर उसने कहा अब मुस्कुराओ और हम भी मुस्कुरा दिए
क्यूंकि सवाल हंसी का नहीं उसकी ख़ुशी का था।।
-------------------------------------------

फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है...
इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है...
-------------------------------------------

अपनी जिंदगी में हमने तेरी जरूरत देखी है, 
तेरी आँखों में हमने अपने लिए मोहब्बत देखी है, 
जितनी बार खुद को भी नही देखा होगा, 
उतनी बार हमने तेरी सूरत देखी है।
-------------------------------------------

मोहब्बत से मोहब्बत तब हुई
जब मोहब्बत तुम से हुई...❤
-------------------------------------------

"जिस पर हम मर मिटे, उसने हमें मिटा दिया, 
वाह क्या खूब उसने मोहब्बत का सिला दिया !!"
-------------------------------------------

चलो हम गलत थे ये मान लेते है..
ऎ जिंदगी..
पर एक बात बता.. क्या वो शख्स सही था
जो बदल गया इतना.. करीब आने के बाद.
-------------------------------------------

एक गलती रोज कर रहे है हम ,
जो मिलेगी नहीं , उसी पे मर रहे हैं हम
-------------------------------------------

में तुम्हे दोस्त तो बना लूंगा
मगर तुम्हे मुझ से मुहब्बत हो जाएगी
-------------------------------------------

आँखो की चमक पलकों की शान हो तुम,
चेहरे की हँसी लबों की मुस्कान हो तुम,
धड़कता है दिल बस तुम्हारी आरज़ू मे,
फिर कैसे ना कहूँ मेरी जान हो तुम..
-------------------------------------------

पुराना जहर नयें नाम से, यूँ पिला रहा है
ये सिरफिरा इश्क मुझे फिर से, आजमा रहा है....
-------------------------------------------

सांसे तो रोक लू अपनी,ये तो मेरे बस में है! 
यादें कैसे रोकू तेरी, तू तो मेरी नस-नस में है।
-------------------------------------------

बाते तो जमाने के लिए है तुम आना,
तुम्हे तो दिल की धड़कन सुनाएंगे।
-------------------------------------------

खुदा तो इक तरफ.. खुद से भी कोसों दूर होता है
इंसान जिस वक्त.. ताकत के नशे में चूर होता है...
-------------------------------------------

तबस्सुम इत्र जैसा है
हँसी बरसात जैसी है
वो जब भी बात करती हैं
तो बाते भीग जाती है...
-------------------------------------------

कह दूंगा,हुई थी मोहब्बत,
और जिस से हुई थी वो,
मोहब्बत के काबिल नही थी.
-------------------------------------------

​कहाँ से ​लाऊ हुनर उसे मनाने का​​
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का​​
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी​​
क्यूंकी जुर्म मैंने किया ​था ​उससे दिल लगाने का।।
-------------------------------------------

ख़त्म कर दी थी जिंदगी की सारी खुशियाँ तुम पर,
कभी फुरसत मिले तो सोचना की मोहब्बत किसने की थी
-------------------------------------------

दिलों पर तो लोग बेवजह इल्जाम लगाते है,
इल्जाम तो उनपे लगाओ जो आधे में ही छोड़ जाते।।
-------------------------------------------

हजारों रात का जागा हूँ सोना चाहता हूँ अब 
तुझे मिलके मैं ये पलकें भिगोना चाहता हूँ अब 
बहुत ढूंढा है तुझ को खुद में इतना थक गया हूँ मैं 
कि खुद को सौंप कर तुझ को मैं खोना चाहता हूँ अब
-------------------------------------------

मुझसे जुदा हुए तो
बरसों हो गये हैं,
घडी अब तक पहनते हो,
किसका इंतज़ार रहता हैं।
-------------------------------------------

दर बदर भटकते रहे हम सुकून की तलाश में
अब एहसास हुआ कि सुकून तो मिलेगा जिंदगी के बाद में
-------------------------------------------

इज़्ज़त करने पर आऊं तो मुझ सा बाअदब कोई नही,
किसी बात पर डट जाऊं,,, तो बगावत मशहूर है मेरी...

Post a Comment

0Comments

plz do not enter any spam link in the comment box

plz do not enter any spam link in the comment box

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !