Khushi ki shayari | खुशी की शायरी

Khushi ki shayari | खुशी की शायरी 

Khushi ki shayari | खुशी की शायरी

ek vo hain ki jinhen apane khushi le dube
ek ham hain ki jinhen gham ne ubharane na diya

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छोटी छोटी खुशियाँ शायरी

us se milane ke khushi bad mein dukh dete hai
jashn ke bad ka sannata bahut khalata hai

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ye kah ke dil ne mere hausale badhae hain
ghamon ke dhup ke age khushi ke sae hain

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खुशी शायरी दो लाइन Attitude

chehare pe khushi chha jate hai ankhon mein surur a jata hai
jab tum mujhe apana kahate ho apane pe gurur a jata hai

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inhe gham ke ghataon se khushi ka chand nikalega
andhere rat ke parde mein din ke raushane bhe hai

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खुशी शायरी रेख़्ता
kuchh to hava bhe sard the kuchh tha tera khayal bhe
dil ko khushi ke sath sath hota raha malal bhe

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ab khushi hai na koe dard rulane vala
ham ne apana liya har rang zamane vala

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खुशी शायरी गुलजार

na khushi achchhe hai ai dil na malal achchha hai
yar jis hal mein rakkhe vahe hal achchha hai

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mujhe khabar nahin gham kya hai aur khushi kya hai
ye zindage ke hai surat to zindage kya hai

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जिंदगी खुशी शायरी

hai khushi intizar ke har dam
main ye kyun puchhun kab milenge ap

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ख़ुशी जीने की क्या मरने का ग़म क्या 
हमारी ज़िंदगी क्या और हम क्या।

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खुशी भरी शायरी
दोस्ती अपनी जगह और दुश्मनी अपनी जगह 
फ़र्ज़ के अंजाम देने की ख़ुशी अपनी जगह।

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तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे 
मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम ही हो।

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गम और खुशी की शायरी

न पूछो दर्द मंदों से, हंसी कैसी, खुशी कैसी, 
मुसीबत सर पे रहती है, कभी कैसी – कभी कैसी।

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उस से मिलने की ख़ुशी बाद में दुख देती है 
जश्न के बाद का सन्नाटा बहुत खलता है।

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खुशी पर अनमोल विचार

जीने की उसने हमे नई अदा दी है, 
खुश रहने की उसने दुआ दी है, 
ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना, 
जिसने अपने दिल मे हमें जगह दी है।

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रब से आपकी खुशी मांगते हैं, 
दुआओं में आपकी हंसी मांगते हैं, 
सोचते हैं आपसे क्या मांगें चलो, 
आपसे उम्र भर की मोहलत मांगते हैं।

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दोस्त की खुशी के लिए शायरी
शब्दों के इत्तेफाक़ में यूँ बदलाव करके देख, 
तू देख कर न मुस्कुरा बस मुस्कुरा के देख।

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जरुरी नहीं की हर रिश्तें का अंत लड़ाई ही हो, 
कुछ रिश्ते किसी की ख़ुशी के लिए भी छोड़ने पड़ते है।

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तुम्हारी खुशी के लिए शायरी 

कोई काश उनसे पूछे जो ग़मों से भागते हैं 
वो कहाँ पनाह लेंगे जो ख़ुशी न रास आई।

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खुशी भरी शायरी
उसके हाथों का खिलौना ही सही खुश हूँ मैं, 
कुछ देर के लिए ही सही मुझे चाहता तो है।

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खुशी शायरी दो लाइन
दिल में खुशी हो तो छलक जाती है, 
मुस्कुराहटें बजह की मोहताज नहीं होती।

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दूसरों की खुशी के लिए शायरी
खुद की खुशी से खुदकुशी कर जाएंगे यार
तुम हमारे ख्यालों में भी किसी और के साथ दिखे तो हम डर जाएंगे यार
और ऐसे बात बात पर रुठा मत करो तुम हमसे
अगर छोड़कर चले जाओगे यू बीच मझधार में तो हम मर जाएंगे यार
तुम्हें क्यों लगता है कि तुम्हारे अलावा मेरा कोई और भी है
दिल जब तुम्हारे पास है तो किसी और से कैसे प्यार कर पाएंगे यार

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तेरी खुशी में मेरी ख़ुशी शायरी

बहुत बड़ा फर्क है अहंकार और संस्कार में..
अंहकार में दूसरों को झुकाकर खुश होते हैं ..
और संस्कार में स्वयं झुककर खुश होते हैं...।

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खुशी के पल शायरी
सुकून भी पास है अपने, ग़मों का काफिला भी है
लबों से कुछ नहीं कहते, मगर दिल में गिला भी है
सुनायें किसको अपना दर्द कोई राज़दाँ तो हो 
ख़ुशी आँखों में है मगर छुपा हुआ आँसुओं का सिलसिला भी है....!!

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