dhokha शायरी | विश्वास पर धोखा shayari 2 Line

dhokha शायरी | विश्वास पर धोखा shayari 2 Line  

dhokha शायरी | विश्वास पर धोखा shayari 2 Line

अब ना किसी से जीतने की चाह है
ना किसी से हारना का डर
अब तो बस खुद को खुद में ही ढूढने की जंग जारी है।🙂

आखों में नमी थी।
विटामिन की कमी थी।।
जिससे हमने पूरी रात बाते की
सुबह पता चला वो तो ४ बच्चो को अम्मी थी।।🙂

जो तुझे देख के भी न पलटे वो मर्द नही मुरख है
जो बना सके सिर्फ खुदा वो चंदन की तू सूरत है
क्या कहा आसमा की परी.........
ना ना तू तो उससे भी खूबसूरत है ।।❤️❤️

जैसे तैसे उसकी शक्ल को भुला था
किसी ने उसकी फोटो स्टेटस पर लगा कर 
फिर से याद दिलवा दी
क्या करू इस कुरुर दुनिया का🤨

जाने दिल की क्या मर्जी है
क्यू वो यू हर बार करता है
टूटने वाले ख्वाब को ही
वो बार बार देखा करता है

किसी ने पूछा सच्ची मोहब्बत की निशानी क्या है
मैंने कहा इसके बाद किसी से मोहब्बत न हो..!😍😍

शिकवा करने गए थे, और
इबादत सी हो गयी।
तुझे भूलने की जिद्द थी,
मगर तेरी आदत सी हो गयी😔

कोई अजनबी खास हो रहा है,
लगता है फिर प्यार हो रहा है.🙃🙃

पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी सक्स की जान थे हम।

फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था

बताने की बात तो नही है
पर बताने दोगे क्या,
इश्क बेपनाह है तुमसे
मुझे हक जताने दोगे क्या

पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी शक्स की जान थे हम।

माना कि जायज नहीं इश्क तुमसे बेपनाह करना,
मगर तुम अच्छे लगे तो ठान लिया ये गुनाह करना..

युं तो गलत नही होते अंदाज चेहरों के लेकिन
लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है.

इस दिखावटी दुनिया में क्या नही देखा
टूटने सपने देखे रूठते अपने देखे

दिल भी यूँ ठगता चला गया
कोई अच्छा लगा और लगता चला गया.

कुछ अपनो का जाना भी जरूरी है
कुछ जिंदगी मे दर्द भी जरूरी है!!

आंसु बहाने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है
आज थोड़ा हंस लेता हूं 😅
खो न जाए ये लम्हें कहीं
इन्हें मुट्ठी में कस लेता हूं  ❤️‍🩹
मंजिल की तालाश में निकलेंगे फिर कभी,
आज तेरी आंखों में बस लेता हूं ।। 😊

मैं हफ़्ते के छठे दिन जैसा हूँ, 
सालों से शनिवार में बैठा हूँ,
मेरा इतवार बहुत दूर है मुझसे, 
मैं उसी के इंतज़ार में बैठा हूँ...

मेरी हर सुबह तुमसे शुरू
तुमसे ही शाम चाहता हूँ...
तेरे हाथों की मेहंदी में
मैं बस मेरा नाम चाहता हूँ...
अग्नि के जब भी मैं फेरे लूं
मेरे हाथों में बस...
मैं तुम्हारा हाथ चाहता हूँ..!

कोन कहता है के
मोहब्बत का मौसम है
मोहब्बत करने के लिए
तो हर मौसम है

नही आया मुझे कभी
दिखाने को मोहब्बत करना

वो साथ है मेरे तो हर
पल हर लम्हा मोहब्बत है

हर दर्द से हुआ वाबस्ता मैं
हर गमों से रहा राबता मेरा

क्यू खुशियों की तलाश करू
जब इन जख्मों के साथ रहना

तू खुश तुझे मुबारक तेरी जिंदगी
दर्द ओ गम से है पुराना रिश्ता मेरा

मेरे दर्द भी औरो के काम आते है,
मैं जो रो दूँ तो लोग मुस्कुराते है...!!

जिस बात से दिल डरता था वो हो गयी,
कुछ दिन के लिए किस्मत जगी थी अब सो गयी।।😔

अब रिश्ता कुछ ऐसा है....😒
न नफ़रत हैं , न इश्क़ पहले जैसा है!

जिंदगी के सफर में एक बात तो समझ आई
जिनके सपने हम देखते हैं वो भी सपना देखते हैं  
और चाहे कितने भी अपने क्यों ना हो पहले अपना देखते हैं..!!

उसकी आँखों में अब हया चश्मे नहीं है
अब उसकी बातों में लजाकत नहीं है
अरे तुमने मोहब्बत कैसे कर लिया उससे
ये जानते हुए कि वो मोहब्बत केे क़ाबिल नहीं है

वो किसी और ही दुनियां में मिली थी मुझसे, कुछ और ही मौसम की महक लाई थी।
डर रहा था मै की कही जख्म न भर जाए मेरे, वो हाथों में नमक भर के लाई थी।

क्या मजबूरी थी तेरी मुझे आज तो बता दे,
क्या लगा था मेरी खुशियों का वो दाम तो बता दे,
और किस के लिए छोड़ा गया हु मैं,
मुझे उस शख्स का नाम तो बता दे...?!

दर्द बन कर दिल में छुपा कौन है,
रह रह कर इसमें चुभता कौन है,
एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना,
देखते है इस बार पहले टूटता कौन है।

दुख किसे सुनाऊं दुनिया सारी बेगानी है
जिसको मैं चाहता था उसकी नजर किसी और की दीवानी है,
क्या पूछता है यार कुछ खुद बर्बाद हुए हैं कुछ उसकी मेहरबानी है

वह अपना बना कर बेगाना कर गई,
भर गया दिल और मजबूरी बात कर बहाना कर गई...!!
🙃✨💔

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ