जिस सच्चाई से हम दोनों डर रहें हैं, dard bhari shayri in hindi

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जिस सच्चाई से हम दोनों डर रहें हैं, dard bhari shayri in hindi

जिस सच्चाई से हम दोनों डर रहें हैं, dard bhari shayri in hindi

जिस सच्चाई से हम दोनों डर रहें हैं
एक न एक दिन तो अपनाना पड़ेगा।
तुम्हें भी हमसे दूर खुश रहना पड़ेगा
और मुझे भी तेरे बिना  जीना पड़ेगा ।
जानते हैं आसां नहीं हैं एक दूजे को
किसी और के साथ देख कर खुश रह पाना ।
परन्तु हमें खुश रह कर दुनिया को दिखाना पड़ेगा।
चाहूँ तो ले चलूँ कभी भी इस बेदर्द दुनियां से बहुत दूर
पर मिलेगी नहीं फिर भी कोई खुशी ये हमें समझना पड़ेगा।
हम रिश्तों के बंधन में न बंध पाए तो क्या
हम फिर भी एक-दूसरे के है
ये दुनिया को एक ऐसा भी रिश्ता होता हैं बताना पड़ेगा ।

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