bewafai ki shayari | बेवफाई की शायरी
यही हालात शुरु से रहे,
लोग हमसे खफा-खफा से रहे।
बेवफा तुम कभी ना थे लेकिन,
ये भी सच है कि बेवफा-से रहे।
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इक महबूब लापरवाह सा,
इक मोहब्बत बेपनाह सी,
दोनों काफी है सुकून बर्बाद करने को..
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सादगी अगर हो लफ्जों मे यकीन मानो
प्यार बेपनाह और दोस्त बेमिसाल
मिल ही जाते हैं
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रोशनी के लिए दिल जलाना पड़ा,
कैसी जुल्मत बढ़ी तेरे जाने के बाद।🙁🙁🙁
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गैरों के नाम पर क्यों रोता है तू,😭😭😭
तुझे तो अपनों ने भी लूटा था ना..?🙁😔😔
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ये किताबें उतनी भी पसंद नहीं लेकिन पढ़ लेंगे
सुना है माँ का सपना यही पूरा करेंगी।❤❤
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एक पल के लिए जब तू पास आता है,
मेरा हर लम्हा ख़ास बन जाता है,
सँवरने सी लगती है ये ज़िन्दगी अपनी,
जब भी तू मेरी बाहों में मुस्कुराता है।
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मेरी जान हो तुम...
आँखों की चमक पलकों की शान हो तुम,
चेहरे की हँसी लबों की मुस्कान हो तुम,
धड़कता है दिल बस तुम्हारी आरज़ू में,
फिर कैसे ना कहूँ कि मेरी जान हो तुम
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वो करते हैं शिकायत हमसे
कि हम हर किसी को देखकर मुस्कुराते हैं,
शायद उन्हें नहीं पता कि
हमें हर मुखड़े में सिर्फ वो ही नज़र आते हैं।
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मेरी निगाह में फिर कोई दूसरा चेहरा नहीं आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।❤❤
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मेरी आँख लगी थी🙈
या वो ख्वाब थी?🤔
अगर थी हकीक़त☺
तो क्या लाजवाब थी।😋🥳🥰
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दिल की गहराई को समझ नही सकते।
होटों से कुछ कह नही सकते ।
कैसे बयाँ करे इस दिल का हाल।
आप ही हो जिसके बगेर हम रह नही सकते।
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इश्क़ की बात ना करो जनाब
हम तो जले बैठे है
खामखा आपको गाली दे बैठेंगे 💔
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आज उसका जन्मदिन है ।
जिससे मेरे दिल की हर धड़कन है ।।
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उसको भूला कर मुझको ये मालूम हुआ है
आदत कैसी भी हो छोडी जा सकती है ....!!!!
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उसकी मोहब्बत को कुछ इस
तरह निभा रहे है हम,
वो नही है तक़्दीर मे फिर भी
उसे बेपनाह चाह रहे है हम।❤❤
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सिर्फ लोगो की बाते नही है
अब मैं खुद भी खुद से परेशान हूं...
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मेरी मुहब्बत बेजुबां होती रही
दिल की धड़कनें अपना वजूद खोती रहीं
कोई नहीं आया मेरे दुख में करीब
एक बारिश थी जो मेरे साथ रोती रही
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नसीब से ज्यादा भरोसा तुम पर किया
फिर भी नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गए
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सुलाके सबको गहरी नींद में,
फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है.....!!!
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वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे,
कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम करती हो….!!!
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वो तो मुझे कब का छोड़ चुकी थी।
बस मुझसे हाँ कहलवाने की ज़िद थी उन्हें।
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
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गजब किया, जो हमने तेरे पर ऐतबार किया !
तमाम रात हमने अपनी मौत का इन्तजार किया.....!!!
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