गहरे प्यार की शायरी | pyar ki shayri

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गहरे प्यार की शायरी | pyar ki shayri 

गहरे प्यार की शायरी | pyar ki shayri

चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका 

 जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका

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जो तुम दिल के साफ होना

दिमाग वालों से हार जाओगे..!!

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घटती रही घटनाएं आधे से घाटे हम

घटी सब घटनाएं दिल जुबा से घटते रहे हम

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इश्क़ में उलझने बहुत है सुलहजना गलत फैसला

जो सुलहझे तो दिल बिखरना जायज़ है

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दोस्ती है तो दोस्त ही रहेंगे

दिल टूटे तो फिर कोसते रहेंगे

प्यार किया क्यों ये सोचते रहेगें

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आज भी डर लगता है

वे आखों में आंखे डाल कर 

ये ना पूछ ले 

मेरे प्यार में क्या कमी थी

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अपनों से दूर 

सिर्फ अरमानों का गला घोटने का गिला है

तुम भी चल दिए

परदेस जाके किसी को क्या मिला है..!!

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किस पर अब संशय करे, किस पर करे यकीन।

शेष बचा सच झूठ में, अंतर बहुत महीन।।

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अपनो ने सिखाया

अपना कोई नही.....।

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बहे गया हंजुओ का दरिया

नही जानते हम तेरे लिए क्या क्या करिया

सुकून दे दे हमनवा तू ही है जरिया

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बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर 

 पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर

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है चाँद सितारों में चमक तेरे प्यार की 

हर फूल से आती है महक तेरे प्यार की

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इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ

 देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है

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तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैं

 चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ

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यूं तो कोई मोहब्बत ना करे इसके पीछे पड़ा जमाना होता है 

मगर दो आंखों का पहले से मिलने का बहाना होता है..!!

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मोहब्बत जिसे बक्श दे जिंदगानी

नहीं मौत पर ख़त्म उसकी कहानी

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ये ज़रूरी तो नहीं के मुझे जहर पिलाया जाए....

ऐन मुमकिन है ! किसी फूल से मारी जाऊँ


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