रूहानी इश्क शायरी | ruhani ishq shayri

रूहानी इश्क शायरी | ruhani ishq shayri 

रूहानी इश्क शायरी | ruhani ishq shayri

अक्सर हम एक नाम पुकारा करते हैं,
लेकर एक तस्वीर निहारा करते हैं...

मिलना उससे शायद ही हो पायेगा,
यादों में अब सिर्फ गुजारा करते हैं...

उसे भुलाने की साजिश में रहते हैं,
ख्वाबों से यह जन्म भी हारा करते हैं...

पलकों में यादें आ कर घूल जाती है,
खुशियों से हर रोज किनारा करते हैं...

पहले तो हम ऐसे भी सो जाते थे,
अब तकिये का रोज सहारा करते हैं...

एक दफा दिल के सौदे में उसे हार गये,
फिर यह सौदा यार दोबारा करते हैं...!!!

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इश्क शायरी दो लाइन

मुझको याद है हर लम्हा जो गुजारा था यार के साथ,
मगर वह कर रहा था खिलवाड़ मेरे प्यार के साथ...

खून के आंसू रोवोगे तुम भी तन्हाई में,
ना लगाओ तस्वीर मेरी अपनी दीवार के साथ...

भीनी भीनी खुशबू बिखर गई फिजाओं में,
फिर तेरी याद आई है आज बहार के साथ...

वह खोल रहा है हर राज सरेआम महफिल में,
जिसे बताया था हर राज अपना एतबार के साथ...

मुसाफिर बरसो भटकता रहा तेरे दीदार को,
आज नजर भी आए तो अपने यार के साथ...!!!

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रूहानी शायरी रेख़्ता

वह भी क्या सितम था कि मुझे रात भर नींद नहीं आई,
मैंने तो रातों से बस उसका ख्वाब मांगा था...

ना दिल को सुकून, ना मुझको चैन आया कभी,
जिंदगी तन्हा थी तभी तो उसका साथ मांगा था...

इतना आसान नहीं था उसको पाना हाशिर,
मैंने हर दुआ में उसको बार-बार मांगा था...!!!

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सूफी इश्क शायरी

Kuch Seher Ki Yaadein Hoti Hai
koi Seher Yaadon Mai Hota Hai

Woh Musafir Anjaan Hota Hai
Jab Tak Dur Manzil Se Hota Hai

Fark Kare Toh Kis Baat Par
Is Safar Mai Har Koi Ek Hota Hai

Sochta Hu Asmaan Muthi Mai Band Karlu
jab Jab Junoon Mujh Par Sawar Hota Hai

Jis Jagah mei Ishq Pheli Baar Hota Hai
Woh Kasba Ta - Umar Ke Liye Khaas Hota Hai

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सच्चा इश्क़ शायरी

में बारिश की बोली समझता नहीं था,
हवाओं से में यूं उलझता नहीं था...

हुई मोहब्बत तो पता चला,
सीने मै दिल मेरे भी धड़कता रहा...

वो रातें, वो सवेरे,
कुछ भी नहीं बिन तेरे...

कहां थी मुझे ये खबर,
तु ही था मेरा हमसफ़र...

में आवारगी में खोता रहा,
तेरा प्यार पाने को रोता रहा...!!!

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रूहानी शायरी

माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया

जिसको निगाहों में बिठाया जाए

रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की

वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये!

हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है,

हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है

अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,

मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है!

दास्तान मेरे लाड़-प्यार की बस,

एक हस्ती के गिर्द घूमती है,

प्यार जन्नत से इसलिए है मुझे,

क्योंकि ये भी मेरी माँ के क़दम चूमती है!

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Ishq shayari hindi

बस अब वो ही मुझे मेरी जिंदगी का सहारा लगते है ,
दूर रहते है वो किसी शहर में ।
इसलिए हम आज कल उनकी तस्वीर देख कर समय गुजारा करते है ।
यार मन लगता नही उनके बिना कही ,
इसलिए आवाज देकर ही नही दिल से उन्हें पुकारा करते है ।

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जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते,
ये खत किस लिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते...

किस वास्ते लिखा है हथेली पर मेरा नाम,
गर इश्क नहीं है तो मिटा क्यों नहीं देते...

जब मेरी वफाओं पर तुमको यकीन नहीं है,
हसरतें को निगाहों से गिरा क्यों नहीं देते...

यूं सरेआम महफिलों में जाम छलका रही हो,
मेरी जान मुझे क्यों तड़पा रही हो...

जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते...!!
ज़हर जाम में मिलाकर पिला क्यों नहीं देते...!!!

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