Girlfriend Poetry hindi | गर्लफ्रेंड पोएट्री हिंदी

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Girlfriend Poetry hindi | गर्लफ्रेंड पोएट्री हिंदी 

Girlfriend Poetry hindi | गर्लफ्रेंड पोएट्री हिंदी

महफ़िल में हम भी हैं वो भी हैं बस फ़र्क इतना हैं 

वो रो कर ग़म दिखा रहे हैं हम हँस के ग़म छुपा रहे हैं 

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ऐतबार इंतज़ार क़भी कभार 

कुछ दिन की होती हैं बहार 

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सहराओं में दरियाओं में छाव में

इक मेरी भी जान हैं मेरे गाँव में

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निखरते बिखरते उभरते गुज़रते

ज़िंदगी को हमने देखा रंग भरते

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बदनाम हूँ पर आशिक़-ए-बदनाम तुम्हारा 

नाकाम हूँ पर तालिब-ए-नाकाम तुम्हारा

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मिटाया बसाया छुडाया लगाया 

गीला ये हैं तुझे वफ़ादार न पाया

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नफ़रत लाख मिली मुझे चाहत नहीं मिली

जिंदगी बीत चली पर गम से राहत नहीं मिली

उसकी महफ़िल में हर शख्स को हंसते देखा

एक हम थे की हंसने की भी इजाजत नहीं मिली

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आँसू गिरने की आहट नही होती

दिल के टूटने की आवाज नहीं होती

गर होता उन्हें एहसास दर्द का

तो दर्द देने की आदत नहीं होती

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मुझे भेजा गया था आख़िरत बनाने को 

और मैं दुनियां को सब कुछ समझ बैठा

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आज़माने को सताने को जलाने को

हमारा ही मकबरा मिला घर बनाने को

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किसी को आप पसन्द हो तो किसी को नापसंद,

अब अगर नापसंद लोगो की वज़ह से ख़ुद को बदलोगे,

तो पसन्द करने वाले भी नापसन्द करने लगेंगे।💯

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Suno

वकालत जो वो मोहब्बत की करने आए थे 

खुद ही मुजरिम बन कर मेरे सामने खड़े थे

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हाँ हाँ तुम्हारे हुस्न की कोई ख़ता नहीं

मैं हुस्न-ए-इत्तिफ़ाक़ से दीवाना हो गया

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सुनोगे हाल जो मेरा तो दाद क्या दोगे

यही कहोगे कि झूटा है तू ज़माने का

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बहोत सुकूँ से रहते थे इश्क़ से पहले

फ़साद पैदा हुआ हैं तेरे आने के बाद

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खुशी पर ध्यान नहीं दिया,
मुझे हकीकत से चाहत थी...
ज्यादा कभी नहीं मांगा,
मुझे थोड़े की ही चाहत थी..
गैरों के लिए वक्त ही नहीं मिला,
मुझे अपनों से ही राहत थी..
😊😊😊❣❣❣❣

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नाम बदलने से भला क्या होगा

चहेरा बदलते तो और बात होती 

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तुम उस को बुलंदी से गिराने में लगे हो 

तुम उस को निगाहों से गिरा क्यूँ नहीं देते

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Suno

ढूंढ लेते है लोग मेरी नम आंखो मैं तेरे तसव्वुर को

कैसे छिपाऊ दिल मैं तेरी मोहब्बत की शिद्दत को

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Suno

बड़े माहिर है यहां लोग धोका देने मैं

गले से लगा कर जान निकाल लेते है

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जब तक हम ग़म के हवाले नहीं हुए
तब तक इश्क़ के जानने वाले नहीं हुए 

कहता हैं आफ़ताब ज़रा देखो इसे 
धूप में निकलकर भी हम काले नहीं हुए

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मुझ को अफ़सोस है कि तेरी तरफ़
सब ने देखा मिरी नज़र न हुई

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तिनका सा मैं और समुन्दर सा मेरा 

इश्क़ डूबने का डर और डूबना ही इश्क़

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ज़मीं है अपनी आसमाँ है अपना

कहने को सारा जहाँ है अपना

समझने जाती है दृष्टि दूर तक

नज़दीक कौन यहाँ है अपना

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धड़कने आजाद हैं पहरे लगा कर देख लो 

प्यार छुपता ही नहीं तुम छुपाकर देख लो

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मैं अपनी कहानी का पसंदीदा क़िरदार हूँ 

मुझे पता हैं मेरी मौत ज़वानी में होगी

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हम किसी दर पे न ठिटके न कहीं दस्तक दी

सैकड़ों दर थे मिरी जाँ तिरे दर से पहले

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नई सुब्ह पर नाज़ हैं मुझ को 

लेक़िन ये रफ्ता रफ्ता ढल जाएगी

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वो दिल हमारा तार-तार करते है

हम भी रफ़ू दिल बार-बार करते है

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