very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

तुम्हारे होंठ, मेरे जिक्र को नजरंदाज ही कर गये...

तुम्हारी निगाहों में, जाने अब क्या ठहर गया था..

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कभी अगर खौफ हो कि वक़्त के दरिया में यादें घुल जाएंगी

तू अपनी गर्दन छू कर देखना तब, मेरी साँसें मिल जाएंगी

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बहुत दिनों से तुम्हे चूमा नही है

ये होंटो के लिए अच्छा नही है

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ये जो तस्वीर भेजी है तुमने

ये तसल्ली है या सहारा है?

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very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

यादों के स्पर्श बडे़ अजीब होते हैं,,,,

कोई भी ना हो पास फिर भी ये बहुत करीब होते हैं,,,

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कहीं पे बैठ के हँसना कहीं पे रो देना...!!

तुम बिन मैं ज़िन्दगी भी दोहरी गुज़ारता हूँ...!!   

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ये मोहब्बत भी उनको मिलती है...

जिन्हें करनी नही आती

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very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई,

तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया!

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चादर मुहब्बतों की मैं सीने चला गया

गंगा में वज़ु कर के मदीने चला गया!!

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तमाम उम्र अकेले में तुझ से बातें कीं,

तमाम उम्र तेरे रू-ब-रू ख़मोश रहे.

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नज़रें कमजोर हो चली, फिर भी मुझसे पहले

सुई में धागा डाल लेती है, कैसे कह दूँ की माँ बूढ़ी है मेरी ।

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very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

इसी लिए तो मैं रोया नहीं बिछड़ते हुए

तुझे रवाना किया है विदा नहीं किया है

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खामखां मैंने गहराई पसंद की

कोई उतरा नही मेरी सोच तक

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वो बाँध कर ताबीज नज़र का...!!

मुझ पर नज़रें गड़ाये बैठे हैं...!! ✨

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very sad poetry in urdu images | सेड पोएट्री इन उर्दू

"इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को,

ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है"..!!

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क़ाबू हर शौक पे रखना पड़ता है..

ख़ाब जब हैसियत से बड़े देखे हो..

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दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए

जब तक न साँस टूटे जिए जाना चाहिए

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ऐसा लगता है नाराज़गी बाक़ी है अभी.. 

हाथ थामा है मगर दबाया नहीं उसने....

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महकते काग़ज़ पर लिखी हुई है जो सुनहरे हर्फ़ों में...!!

ज़िंदगी जिसे गुनगुनाये.... वो ग़ज़ल हो तुम...!!      💫

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Dard jab hadd e lutfaat se guzar jayega,

Tera aana bhi kisi kaam nahin ayega.

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यूं तो हम लोग बुलाने पर भी कम बोलते है,

पर जहाँ कोई नहीं बोलता, हम बोलते है!

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ज़मीं पर आओ फिर देखो, हमारी अहमियत क्या है,

बुलंदी से कभी ज़र्रों का, अंदाज़ा नहीं होता….!!

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यूँ हीं अचानक आ जाओ कभी..

"दिल के दौरे" की तरह...!!

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एक पुराने ज़ख़्म के टाँके टूट गए

एक पुराना दर्द मिला तस्वीरों में

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अब तो निशान पड़ गए रुह पर मेरे...

देख कितना खरोंचा है,यादों ने तेरी....!!

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एक चाहत होती है, जनाब़ अपनों के साथ जीने की ..

वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है

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जब अन्दर तक गहरी खामोशी हो तो....

खामोशी के सिवा हर आवाज तकलीफ देती है...

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तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें

हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया

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ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया

झूटी क़सम से आप का ईमान तो गया

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बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो

मोहब्बत में कोई भी फ़ैसला ज़ाती नहीं होता

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जब हौसला बना ही लिया ऊँची उड़ान का तो

कद नापना बेकार है आसमान का

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कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो

उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं

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पता नही क्या हुआ है आजकल

मुस्कानें लगे है तेरा नाम सुनकर....💞

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मैने कब चाही थी तुजसे पूरे दिल की सल्तनत,

एक कोना चाहता था ..बस ठिकाने के लिये...!

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आईने में भी खुद को झांक कर देखा;

खुद को भी हमने तनहा करके देखा;

पता चल गया हमें कितनी मोहब्बत है आपसे;

जब तेरी याद को दिल से जुदा करके देखा।

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किताबें, किताबें, किताबें, किताबें

कभी तो वो आँखें, वो रुख़सार पढ़ना

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इन शायरियो मे खो गया है कही ""सुकुन ""मेरा

जो तुम पढकर मुस्करा दो तो वसुल हो जाये...

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हैरान हूँ तुम्हारी हसरतों पर मैं ,

हर चीज माँगी तुमने मुझसे बस "मुझे" छोड़कर ...💞

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मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ

मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ

माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ

Meri khwaahish hai ki main phir se farishta ho jaaun

Maa se is tarah lipat jaaun ki baccha ho jaaun

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फ़ुर्सत निकाल कर आओ कभी मेरी महफ़िल में,.!!

लोटते वक़्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में ..!!

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“इश्क” ‘महसूस’ करना भी इबादत से कम नहीं..

ज़रा बताइये ‘छू कर’ खुदा को किसने देखा है..

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तू रूठा-रूठा सा लगता है कोई तरक़ीब बता मनाने की,

मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगी तू क़ीमत बता मुस्कुराने की…

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और तो सब ठीक है लेकिन, कभी-कभी यूँ ही,

चलता फिरता शहर अचानक तन्हा लगता ..

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मुस्कुराहट, तबस्सुम, हँसी, कहकहे,

सब के सब खो गए, क्योंकि... हम बड़े हो गए.... 💞

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सब कुछ गवां कर फकीरी मिलती है

बड़ी मुश्किल से ये सादगी मिलती है।।

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जंग पर निकलता हूँ ढाल भूल जाता हूँ,

मैं अजब शिकारी हूँ जाल भूल जाता हूँ !

वस्ल में भी रहती है भूलने की बीमारी,

होंठ चूम आता हूँ गाल भूल जाता हूँ !!

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साया भी जो तेरा पड़ जाए

आबाद हो दिल का वीराना.....

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जो महसूस करते हैं बयाँ कर देते हैं

हमसे लफ़्ज़ों की दगाबाज़ी नहीं होती.

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खुले दिलों से मेले फ़ासला भी रखते रहे

तमाम उम्र अजब लोग मुझ से उलझे रहे

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तुम्हारे लेपटाप पर.. काँधे पर तुम्हारे सिर रखकर..

तुम्हारी पसंदीदा गाने.. तुम्हारे साथ सुनने से..

उन गानों का एहसास ही कुछ ओर हो जाता है..😍😍

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हम से "ताल्लुक़" रखा करो तबियत ठीक रहेगी...

हम वो हक़ीम हैं जो "अल्फ़ाज़ों" से इलाज किया करते हैं...

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बड़ी शिद्द्त से राजी हुए है वो साथ चलने को,

खुदा करे के मुझे सारी जिंदगी मंजिल न मिले......

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अब ख़ुशी है न कोई दर्द रुलाने वाला

हमने अपना लिया हर रंग ज़माने वाला

इक मुसाफिर के जैसी है सब की दुनिया

कोई जल्दी में, कोई देर से जाने वाला

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आप यूँ फ़ासलों से गुज़रते रहे

दिल से कदमों की आवाज़ आती रही

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हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज से..


देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों मैं..

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Aaine ka saath pyaara tha kabhi

Ek chehre par guzaara tha kabhi

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वो अल्फाज़ ही क्या जो समझाने पड़े

मैनें मोहब्बत की थी वकालत नहीं

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Mai shiddat e gham se aajiz aakar,

Hasne lagun toh poochiyo mat.

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हम दोनों एक ही किताब में रहेंगे किरदार बनकर,

लेकिन हमारे बीच कई पन्नों का फ़ासला होगा....!!🌹

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बहुत नाराज़ थे ख़ुद से किसी से कुछ नहीं बोले

वो इक कोने में यूँ बैठे हुए अच्छे लगे हम को

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लौव की नियत बहक न जाए कही

दीपक होंठो से बुझाया न किजिये

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उफ्फ ये नज़ाकत ये शोखियाँ ये तकल्लुफ़, 

कहीं तू उर्दू का कोई हसीन लफ्ज़ तो नही

आज फिर होंठों तक बात आकर रह गई,

आज फिर तुमने मुझे गौर से देखा नहीं।

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ये जो एक मिनट में दो मिनट का टाइम माँगते हो

ना .. बस बस, वही आधा घंटा ........ इश्क़ है !!

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वफ़ा के शीश महल में सजा लिया मैनें

वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैनें

ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई

ग़मों कि ओट में ख़ुद को छुपा लिया मैनें

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कभी न ख़त्म किया मैं ने रोशनी का मुहाज़

अगर चिराग़ बुझा, दिल जला लिया मैनें

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हासिल करके तो हर कोई मोहब्बत कर सकता है

बिना हासिल किए किसी को चाहना कोई हमसे पुछो.... 

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छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी, उसको मुजसे मिलने के बाद,

कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद....

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उसकी यादें, परबत परबत,

उसकी बातें, दरिया दरिया।

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Faansle Darmiya Laaya Hi Nahi

Wo Mere Qareeb Aaya Hi Nahi

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Bohot bheed thi unke dil mein,

Khud na nikalte toh nikal diye jaate.

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"या रब" ! अपनी "रहमतों" से सबके "दिलों" को *नेक* कर दे

"इस "ईद" पर "मेरे मुल्क" के "लोगों" को फिर से *एक* कर दे..

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कभी तो खर्च कर दिया करो, खुद को मुझ पर...

यह तसल्ली तो रहे कि, मामूली नही है हम...

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मैंने करवट बदलकर देखा है

याद तुम उस तरफ़ भी आते हो!

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तुझे भूलने के इरादे अपनी जगह हैं

तुझे याद करने की बेबसी अपनी जगह !!

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हम समंदर है हमें खामोश रहने दो 

ज़रा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे

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खामोशिया भी बहुत कुछ कहती है

कान लगाकर नही दिल लगाकर सुन्ना पड़ता है..

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क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो

हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरें हैं

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वो सज़दा ही क्या जिसमे , सर उठाने का होश रहे ,

इज़हारे इश्क़ का मज़ा तो तब है ,

जब मै खामोश रहूँ , और तू बैचेन रहे....!!!💞

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जरूरी नहीं किसी ओर की वजह से 

हम किसी शख्स से दुरियां बना लेते है...

हमारी उम्मीदें पुरी ना होना भी दूरियों की वजह होती है...

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सजा न दे मुझे बेक़सूर हूँ मैं,

थाम ले मुझको ग़मों से चूर हूँ मैं,

तेरी दूरी ने कर दिया है पागल मुझे,

और लोग कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं...... 💞

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चूरा लिए कुछ लफ्ज़ शायरों के ख़ज़ाने से.

तुम्हारे दिल में जगह बनानी थी हमे किसी बहाने से.... 💞

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मैं ने दो-चार किताबें तो पढ़ी हैं लेकिन

शेर के तौर-तरीक़े मुझे कम आते हैं

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ये खामोश से लम्हें, ये बारिशों के दिन,

तुम्हें याद करते-करते एक और चाय तुम्हारे बिन...!!

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तेरे बगैर गुज़रा तमाम वक्त भी

तेरे साथ ही गुज़ारा है।

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खत्म होती नहीं जुदाई की वो शाम,

तुम तो कहते थे, बस थोड़े दिनों की है बात !!

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तेरे फ़िराक के लम्हें गुज़ारने के लिए

हर एक शख्स से हमने बना के रखी है

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क्या हुआ हम जो कभी मुक़म्मल ना मिले।

तू मेरा ख़्वाब है तो ख़्वाब अधूरा ही सही।

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मैं जी सकता था

उसपे न मरता तो

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हर रिश्ता मिला....विरासत में इंसा को...!!

फिर भला ये मोहब्बत.... अलग से क्यूँ बनाई है...!!

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तुम आओ तो एक टुकड़ा छांव का लेते आना,

ज़िंदगी की उलझनों में झुलस रहा है मेरा वजूद...!

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न जाने कोन सी शिकायतों का हम शिकार हो गए,

जितना दिल साफ़ रखा उतना “गुनहगार” हो गए,

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Mere khuda mujhe laakhoN mai chaant kar de de

Wo chan’d log jo kaanton pe sath chalte hain

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इश्क़ !!! सुनूं , पढूं या लिखूं ,

मतलब बस तुमसे है ..!! 💕💕💕

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वक़्त कहाँ मुट्ठी में आने वाला था

लेकिन हम ने बाँध लिया तस्वीरों में

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खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते

और लोग पूछते हैं कोई तकलीफ तो नहीं... 💞

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"ख़ामोशियां, बेवजह नहीं होती,

कुछ दर्द, आवाज़ छीन लिया करते हैं"

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मैने मँहगे लिबास में घटिया लोग और

सस्ते लिबास में मँहगे लोग देखें हैं...!!

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