emotional broken heart shayari | इमोशनल ब्रोकन हार्ट शायरी
मैंने हर ख्याल को जहन में ला कर देखा है,,,
तेरे ख्याल से खूबसूरत यारां कुछ भी नही..!!
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आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम-ए-मोहब्बत तक.,,,
गुज़रा है जो कुछ हम पर तुम ने भी सुना होगा.!!!!
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दोस्तों ने हंसा दिया आकर
अच्छे खासे उदास बैठे थे! ❤️
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अच्छे लोगों को लोग!
सबक भी अच्छा ही देके जाते हैं! ❤️
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हजारों ऐब हैं मुझमे , मगर फिर भी ना जाने क्यूँ ?
हमारे चाहने वाले , हमे अनमोल कहते हैं !
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मुस्कुरा देती हूं अक्सर देख कर पुरानी s.m.s.
तू झूठ भी कितना सच्चाई से लिखता था!
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बेहद सलीके से दिल तोड़ने का आदी है,
ये इश्क़ बड़ा सुलझा हुआ आतंकवादी है.!
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आता नहीं है मुझको, कहीं भी अब सुकूँ..!
तेरे वजूद में यार, राहत ग़ज़ब की है।।
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उसके लब और फिर वफ़ा की क़सम
"हाए" क्या क़सम थी खुदा की क़सम
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शराफत के नकाबो मे ह़या के सब तक़ाज़ो मे
अगर आँखे नही है पाक़ तो पर्दा फिज़ूल हैं.!!
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अपने वो नही होते जो तस्वीर में साथ खड़े होते हैं
अपने वो होते हैं जो तकलीफ में साथ खड़े होते हैं
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तेरे हर हूक्म पर गुजारा करूँ, तेरी हर रज़ा को गँवारा करूँ..
बने आईना तूँ मेरे पिया, तुझे देख-देख खुद को सँवारा करूँ....
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साँसो मे तेरी नजदीकियों का इत्र तू घोल दे,,
मै ही क्यूँ, इश्क जाहिर करूँ, तू भी कभी बोल दे...l
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शर्माते तो हम अब भी हैं 🤭
पर वजह बदल गई है
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गलियाँ तुम्हारी होगी जशन हमारा होगा,
दंगल तुम्हारा होगा दिलो पर राज हमारा होगा।
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इजहार ऐ-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,,
आँखे तो रजामन्द है पर लब सोच रहे है..!!
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मेरे ही खत को टुकड़ो मे भेज दिया महबूब ने,,
और मुझे लगा उनका जवाब आया है..!!
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मुझे आप यूँ गंवार ना समझे साहब,,
मै लोगो की आँखो से मोहब्बत पढ़ लेती हूँ..!!
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इश्क जिस तरफ भी निगाह कर गया,,
झोपड़ी हो या महल सब कुछ तबाह कर गया..!!
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आईना भी तुम्हे देख आहे भरता होगा...
इतना भी खुद को निहारा ना कीजिये....
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"उस दिल की बस्ती में आज अजीब सा सन्नाटा है,
जिसमें कभी तेरे नाम की महफ़िल सजा करती थी..!"
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कोई मलाल नहीं न कोई सिकन थी चहरे पर ।
हमने देखा उसे गैरों की बाहों मे खुश होते ।।
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तेरी यादें काँच के टुकड़े
और मेरा ईश्क नंगे पाँव
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जान ज़िद्द पर है,,,
उसी के नाम पर निकलेगी,,,,
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तुझे सबसे यूँ मैं छुपाया करूँगी...
तुझे देख आखें बंद किया करूँगी....
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वेद पढ़ना बहुत आसान...
वेदना को पढ़ना बेहद मुश्किल....😢
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जो लोग अपने-अपने लगते हैं....!!
वही बाद में डसने लगते हैं"...!!
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मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो,
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा मिलती नहीं।
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मैं किस-किस से हाल-ए- दिल कहती रहूं,
सुनता कोई और है, चाहता कोई और।
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बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,
जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।
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नामों का एक हुजूम सही मेरे आस पास ..
दिल सुन के एक नाम .. धड़कता ज़रूर है ..
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रात को 12 बजे के बाद जो याद आते हैं न ..
अक्सर ज़िंदगी के 12 उन्होंने ही बजाए होते हैं ..
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"तुम जान हो मेरी " से लेकर ..
"औकात क्या है तुम्हारी " तक का सफर तय किया है मैंने उसके साथ ..
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कितने अंदाज से किया "नजर अंदाज" उसने ..
ऐ खुदा ! उसके इस अंदाज को "नज़र" ना लगे ..
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किसी ख्याल का ख्याल में ख्याल होना ..
कितना पेचीदा है .. इस मसले पर सवाल होना .
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पड़े हो इश्क में तो इश्क की तहजीब भी सीखो
किसी आशिक के चेहरे पर हंसी अच्छी नहीं लगती..
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एक बार रुख्सत तो फिर कभी वापस नहीं आया ।
वो मुसाफिर हो गया खुद की तलाश में ''खुदी मे ।।
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पलक से पानी गिरा है तो उसे गिरने दो..
कोई पुरानी "तमन्ना" पिघल रही होगी..!!!
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माफ़ कर देते है, उनको भी अक्सर हम,
ज़ख़्म को मेरे जो अच्छा नहीं होने देते,
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तेरे लबो पे जो शबनम सी मुस्कान छाई हैं.
उफ्फ क्या कयामत लाई हैं हर तरफ बस बिजली गिराई हैं.
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