प्यार में धोखा बेवफा शायरी 2022 2 line | hindi shayri

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प्यार में धोखा बेवफा शायरी 2022 2 line | hindi shayri 

मरहम न सही कोई ज़ख्म ही दे दो ऐ ज़ालिम !

महसूस तो हो कि तुम हमें अभी भूले नहीं हो..!!

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हमरा यकीन ने ही यकीन तोड़ा है

हमने भी यार एक हसीन छोड़ा है

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हम शुरू से ही टूटे हुए है जनाब 

किसी ने दिल तोड दिया और किसी ने विस्वास! !

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आजकल ग़लतियां भी सोच समझ कर करनी चाहिए

क्योंकि लोग मौका ढूंढते हैं रिश्ते तोड़ने के लिए!🥺

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सब समझते हैं मैं बुरा हूँ बहुत,

तुमनें आख़िर क्यों ये बात नहीं समझी,

मेरे दरिया में दिखावा कम है साकी 

पर दुनियाँ नें क़भी भी हक़ीक़त की बात नहीं समझी...!!

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हम दीवानों  का पता पूछना.. तो पूछना यूँ ..., 

जो कहीं के नहीं रहते , वो कहाँ रहते हैं....??

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कोई बताए कि मैं इसका क्या करूं,

परेशान करता है ये दिल,

धड़क धड़क कर मुझे.......।।

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कभी अय्याशी तो कभी कि है महकशी यारों,

पर असल में खा गई हमें दिल्लगी यारों

हैं जिम्मेदारी जो जिन्दा है वरना,

नाकाम इश्क में जायज है खुदखुशी यारों.....!!

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जिससे मोहब्बत थी वह यार बेवफा रहा

हमारे मनाने पर भी वो हमसे खफा रहा

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के मुलाकाते नही मुमकिन,

हमे एहसास है लेकिन

बस इतना याद रखना के तुम्हे हम याद करते है....!!

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प्यार में धोखा बेवफा शायरी 2022 2 line | hindi shayri

मुद्दतों बाद हुआ था भरोसा किसी पर ….

फिर ये साबित हुआ कि कोई भरोसे के क़ाबिल नहीं होता.

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मेरे इश्क में इतनी जज्बाती थी वो

में जैसे बोलता वैसे हो जाती थी वो

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तुमने देखा है सिर्फ़ आंखों को

अभी आंखों में कहां देखा है

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तेरी मोहब्बत मैं मुझे ऐसी उमर कैद मिले

हार जाए सारे वकील मुझे ना रिहाई मिले

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उठ कर तेरी मिट्टी से रूह से शादी मना लूंगा

फर्श पर तेरा नाम हुआ तो अर्श पर अपना बना लूंगा 

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जो यहां ना खेला जा सका वहां वो खेल होगा

जिस्म नहीं मिल पाएं तो क्या वहां रूहों का मेल होगा...!!

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तेरे मिलने की आस और

तेरे साथ होने के काश से मिलकर

मेरी एक जिंदगी बनी है...!!

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इश्क़ को, या खुदा क्यों नजर लग गई,

यूँ लगे मेरी हर दुआ बेअसर हो गई,

हमने तिनके चुने आशियाँ के लिए,

जाने कैसे आँधियों को खबर हो गई..!!

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जीने की कुछ तो.. वजह होनी चाहिए...

वादे ना सही.. यादें तो होनी चाहिए...

आपका यह दिन यादगार हो

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राह-ए-वफ़ा में हम को ख़ुशी की तलाश थी,

दो कदम ही चले थे कि हर कदम पे रो पड़े..!!

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बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,

चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है..!!

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मैं प्रीत का बुना हुआ स्वेटर हूं

तुम लफ़्ज़ों की तुरपाई हो

मैं बहता सर्द हवाओं सा

तुम कम्बल और रजाई हो...!!

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तुझसे मिलने की तड़प, तेरी ही खुमारी है

कोई भी कह देगा इसे इश्क की बीमारी है

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बिखरने का सब़ब क्या कहें यारों किसी से अब,

काँच टूटता है तो कुछ टुकड़े समेटने में नहीं आते..!!

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इश्क़ वही है जो हो एक तरफा,

इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है,

है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो,

ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है।

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तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;

खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;

अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;

तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

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हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं,

उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं,

उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को,

कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं..!!

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उनसे कह दो मुझे खमोश ही रहने दें ''"अली''",

लब पे आएगी तो हर बात गिराँ गुज़रेगी..!!

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Lamhe Lamhe Ki Aankh Pur Nam Hai,

Kaun Kehta Hai Waqt Marham Hai...!!!

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तुम्हें कितनी मोहब्बत है मालूम नहीं 

मुझे लोग आज भी तेरी क़सम दे कर मना लेते है!

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हम भी कुछ प्यार के गीत गाने लगे हैं,

जब से ख़्वाबों में मेरे वो आने लगे हैं..!!

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रात गहरी थी डर भी सकते थे

हम जो कहते थे कर भी सकते थे...

तुम जो बिछड़े ये भी ना सोचा

हम तो पागल थे मर भी सकते थे...!!

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रोशन है तुझसे मेरी मोहब्बत का जहां

जो बात तुझमें है जाना किसी और मैं कहा


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