matlabi dost status

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matlabi dost status

कभी कभी जो इन्सान 
सबको खुश रखने की करता है 
वह खुद ही अकेला रह जाता है

कोई किसी का खास नहीं होता
लोग तभी याद करते हैं
जब उनका टाइमपास नहीं होता

ये उनकी दोस्ती का
नया दौर है
जहां कल हम थे
आज कोई और है

जैसा इंसान खुद होता है 
दूसरों को भी वैसे ही
समझता है यही उसकी
सबसे बड़ी गलती होती है

matlabi dost status

जब कोई दूसरा नजर अंदाज करना शुरू कर दे 
समझ जाओ उसके सारे मतलब पूरे हो गए

सच्चा दोस्त कितना भी नाराज हो
जाए पर वो कभी भी 
दुश्मन के साथ नहीं खडा होगा

कपडे और चेहरे अकसर
झूठ बोला करते हैं
एंसान की असलियत
तो वक्त बताता है ।

ज्यादा अपनापन दिखाने वाले
लोग एक दिन बता ही देते है
कि वो पराये हैं ।

मुझे अकेलेपन से नहीं
झूठे रिश्ते से डर लगता है

matlabi dost status

किसी के लिए हम भी खास थे ,
ये गुजरे दिनों की बात है।

वो दौर गया जब बेमतलब मिल लिया करते थे,
अब तो दोस्त भी घर पर पॉलिसी बेचने आया करते हैं।

मतलब का सिक्का अब इस तरह चलता है,
अब दोस्त से दोस्त नहीं मिलते मतलब से मतलब मिलता है।

पहले जो दोस्त जब मौका मिले तब मिलते थे,
अब जब तक कोई काम न हो तब तक नहीं मिलते।

सच्चे दोसतों की एक निशानी होती है,
वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते।

दोस्त बनना तो दूसरों की मदद पूरी करने को
अगर अपना मतलब पूरा करना हो तो.....
धंधा करना दोस्ती मत करना.......

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छोटे थे तो सब नाम से बुलाते थे
बडे हुए तो सभ काम से बुलाते हैं

पहले शाम निकलती थी साथ बैठ कर
अब काम निकलते हैं साथ बैठ कर।

दोस्ती का मतलब अब कुछ नहीं रह गया
क्यूंकि अब दोस्त ही मतलबी हो गए हैं।

दोस्त बस बैठक में बैठते हैं साथ के लिए
पर मुसीबत में साथ कोई खड़ा नहीं होता।

हम भूल क्या गए की दुनिया मतलबी है,
देर न लगाई दोस्तों ने याद दिलाने में।

बेवजह बात करते थे जो चार दोस्त मिल कर,
आज तब तक बात नहीं करते......
जब तक कोई ख़ास वजह नहीं मिलती।

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अपने सिर्फ मतलब तक ही साथ रहते हैं 
मतलब खत्म रिश्ते दफन

स्वार्थी दुनिया में मतलब के यार बहुत मिल जाएंगे,
पर सच्चा दोस्त बड़ी मुश्किल से मिलता है।

वाक़ई ज़माना खराब है,
सबको बस पैसे से मतलब है,
सब मतलब के यार हैं।

जब दोस्ती के बीच मतलब आ जाता है तो,
हर मुलाक़ात में कोई न कोई मक़सद आ जाता है।

दूसरे का कभी साथ नहीं छोड़ेंगे यह कहते थे वो दोस्त,
आज पता चला की सब के सब झूठ कहते थे वो दोस्त,
दोस्तों पर आँख बंद कर भरोसा किया था,
उन्होंने ज्यादा वक़्त नहीं लगाया मेरी आँखे खोलने में।

दोस्ती में हम दोनों ही कमाल कर रहे थे,
हम दोस्ती के नाते उनकी हर मदद कर रहे थे,
पर हमें यह ना पता चल पाया की वह दोस्ती के नाम पर,
हमारा ही इस्तेमाल कर रहे थे।

ज़रुरत होती है तो आ जाते हैं मिलने आज भी कुछ दोस्त,
और ज़रुरत नहीं होता तो याद भी नहीं करते वो दोस्त।

सच्चे दोस्तों की एक निशानी होती है,
वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते।

बहुत मतलबी निकला ए-दिल तू मेरा होकर भी
धड़कता तो तू मेरे सीने में है पर किसी और का होकर।

जहाँ कोई खास होता हैं वही विश्वास होता हैं,
और जहाँ विश्वास होता हैं वहीं विश्वासघात होता हैं।

अच्छे दोस्त आँखों में खटकने लगते है,
जब मतलबी लोग दोस्त बनने लगते है।

जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है,
तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है।

मतलबी लोगों की मीठी बात,
सम्भाल कर रखे अपनी जज्बात।

हम मतलबी नहीं कि चाहने वालो को धोखा दे,
बस हमें समझना हर किसी की बसकी बात नहीं।

अपने दुश्मन से तो जरूर बचो,
पर उस दोस्त से भी बचो
जो तुम्हारे सामने तुम्हारी तारीफ़
और तुम्हारी पीठ पीछे तुम्हारी बुराई करे।

जब दोस्त धोखा देते हैं,
तो ज्ञानरुपी आँखे खुल जाती है.

इस मतलबी दुनिया में दोस्ती सिर्फ इक दिखावा है,
तुझे भी धोखा मिलेगा, ये मेरा दावा है.

वो दौर गया जब बेमतलब मिल लिया करते थे,
अब तो दोस्त भी घर पर पॉलिसी बेचने आया करते हैं।

दिल धोखे में है.
और
धोखेबाज दिल में…

मेरे अकेले रहने की एक वजह ये भी है,,,
कि मुझे झूठे और धोखेबाज लोगों से रिश्ता तोड़ने में देर नहीं लगती…

मतलब का सिक्का अब इस तरह चलता है,
अब दोस्त से दोस्त नहीं मिलते, मतलब से मतलब मिलता है।


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